मंगुर मछली, जिसे "थाई मंगुर" या "अफ्रीकन कैटफ़िश" (Clarias gariepinus) भी कहा जाता है, भारत में एक विवादास्पद विषय रही है। इसकी तेज़ी से बढ़ने की क्षमता और कम लागत में उत्पादन इसे मछलीपालन उद्योग के लिए आकर्षक बनाती है। लेकिन इसके गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य जोखिमों ने इसे प्रतिबंधित करने के लिए मजबूर कर दिया।
आइए जानते हैं कि भारतीय सरकार ने इस
मछली पर प्रतिबंध क्यों लगाया और यह हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए कितनी
खतरनाक है।
"Mangur Fish (Thai Mangur or African Catfish): A highly invasive species known for its predatory nature and environmental impact, leading to its ban in India." |
मंगुर
मछली पर प्रतिबंध के कारण
1.
पर्यावरणीय खतरे
- आक्रामक प्रजाति: मंगुर
मछली एक आक्रामक प्रजाति है। यह स्थानीय जल निकायों में छोड़े जाने पर अन्य
मछलियों और जलीय जीवों को खा जाती है। इससे जैव विविधता को गंभीर नुकसान होता
है।
- स्थानीय प्रजातियों का विनाश: यह
मछली स्थानीय मछलियों के भोजन और निवास स्थान पर कब्जा कर लेती है, जिससे
स्थानीय प्रजातियाँ विलुप्त हो सकती हैं।
- पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन: यह
मछली अत्यधिक तेज़ी से प्रजनन करती है और पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन
पैदा करती है।
2.
स्वास्थ्य संबंधी खतरे
मंगुर मछली का सेवन कई गंभीर स्वास्थ्य
समस्याओं को जन्म दे सकता है।
(i)
कैंसर का खतरा
- मंगुर मछली अक्सर गंदे पानी, जैसे
सीवेज और औद्योगिक कचरे से भरे जल में पाली जाती है। इन पानी में मौजूद
जहरीले रसायन और भारी धातु, जैसे आर्सेनिक और कैडमियम, मछली
के शरीर में जमा हो जाते हैं।
- जब इन मछलियों का सेवन किया जाता
है, तो ये रसायन मानव शरीर में प्रवेश
करते हैं और लंबे समय तक संपर्क में रहने से कैंसर, विशेष
रूप से पेट और यकृत (लिवर) कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
(ii)
हार्मोनल असंतुलन
- इन मछलियों को तेजी से बढ़ाने के
लिए कई बार हार्मोन इंजेक्शन दिए जाते हैं। इन हार्मोन का असर खाने वाले
व्यक्ति के शरीर पर पड़ सकता है,
जिससे हार्मोनल
असंतुलन और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी
समस्याएँ हो सकती हैं।
(iii)
पेट और आंतों के संक्रमण
- गंदे पानी में पली मंगुर मछली में
खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस होते हैं। इनका सेवन करने से फूड प्वाइजनिंग, पेट
के संक्रमण, और अन्य पाचन तंत्र से जुड़ी
समस्याएँ हो सकती हैं।
- मछली के टिश्यू में मौजूद
टॉक्सिन्स लंबे समय तक शरीर में जमा होकर गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न कर सकते
हैं।
(iv)
हृदय रोग का खतरा
- औद्योगिक कचरे और भारी धातुओं के
संपर्क में आने वाली मछलियाँ हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ा सकती
हैं।
3.
अवैध पालन और व्यापार
- मंगुर मछली पर प्रतिबंध के बावजूद, इसे
भारत के कई हिस्सों में अवैध रूप से पाला और बेचा जा रहा है। यह न केवल
पर्यावरण और स्वास्थ्य को खतरे में डालता है,
बल्कि सरकार की नीतियों का उल्लंघन
भी है।
भारतीय
सरकार की कार्रवाई
भारतीय सरकार ने पर्यावरण
संरक्षण अधिनियम, 1986 के
तहत मंगुर मछली की खेती और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। इसके साथ ही, सरकार
किसानों को स्वदेशी और सुरक्षित मछलियों की खेती के लिए प्रेरित कर रही है।
निष्कर्ष
मंगुर मछली भले ही मछलीपालन उद्योग के
लिए फायदेमंद लगती हो, लेकिन इसके स्वास्थ्य और पर्यावरणीय दुष्प्रभाव इसे एक खतरनाक
विकल्प बनाते हैं। भारतीय सरकार का प्रतिबंध जैव विविधता और जन स्वास्थ्य की रक्षा
के लिए एक आवश्यक कदम है।
"स्वास्थ्य और पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना हमारी ज़िम्मेदारी है। इसलिए, हमें इस मछली को खाने और खरीदने से बचना चाहिए और सरकार के प्रयासों का समर्थन करना चाहिए।"
muje nahi pata tha ki mangur fist ban hai.. thanks bhaai
ReplyDeleteYES SINCE 1986
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